किसी की मजबूरियाँ पे न हँसिये,
Rakesh Kumar
9 years ago
एक बार संख्या 9 ने 8 को थप्पड़ मारा8 रोने लगा... पूछा मुझे क्यों मारा..?9 बोला... मैं बड़ा हु इसीलए मारा..सुनते ही 8 ने 7 को माराऔर 9 वाली बात दोहरा दी7 ने 6 को..6 ने 5 को..5 ने 4 को..4 ने 3 को..3 ने 2 को..2 ने 1 को..अब 1 किसको मारे1 के निचे तो 0 था !*1 ने उसे मारा नही*ंबल्कि प्यार से उठायाऔर उसे अपनी बगल में बैठा लियाजैसे...
किसी की मजबूरियाँ पे न हँसिये,
Reviewed by Rakesh Kumar
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September 03, 2016
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